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सीतापुर – सरगुजा जिले के सीतापुर शहर के बीच से होकर गुजरने वाली नेशनल हाईवे नगरवासियों के लिए अभिशाप बन गई है। देखरेख के अभाव में सड़क की हालत इतनी जर्जर हो गई है कि थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। बारिश के दिनों में सड़क के गड्ढों ने लोगो को खूब परेशान किया। अब सड़क से उड़ने वाले धूल के गुब्बारे ने लोगो का जीना मुहाल कर दिया है। इस संबंध में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष ने एसडीएम को ज्ञापन सौंप सड़क सुधार कराने की मांग की है। सुधार नहीं होने पर काँग्रेस चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन करेगी।

सड़क दुर्घटना में लगी चोट।

गौरतलब है कि नगर के बीच से होकर गुजरने वाली कटनी गुमला नेशनल हाईवे क्र-43 की हालत काफी जर्जर हो गई है। सोनतराई चौक से कसईढोढ़ी तक 4 किमी लंबी सड़क पूरी तरह गड्ढों से पट गया है। गड्ढे भी ऐसे वैसे नही पूरे दैत्यनुमा आकार के है। जिसकी चपेट में आकर लोगो की जान तक जा सकती है। ऊपर से विभाग ने गड्ढों को बोल्डर से भरकर सड़क की और दुर्दशा कर दी है। जिसकी वजह से अब सड़क पर चलना राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। बारिश के दिनों में बोल्डर की वजह से लोगो का सड़क पर चलना दूभर हो गया है।


दरअसल बारिश में पानी से लबालब गड्ढों की वजह से लोगो को बोल्डर नजर आता नही है। जिसकी वजह से लोग बारिश के दिनों में बोल्डर की चपेट में आकर दुर्घटना के शिकार हो चुके है। इसके अलावा भारी वाहनों के दबाव से बोल्डर सड़को पर बिखर गए है। जो कभी भी जानलेवा हादसे का कारण बन सकते हैं। चूंकि शहर में आवागमन के लिहाज से कटनी गुमला नेशनल हाईवे लोगो का एकमात्र साधन है। इसलिए इस पर यातायात का भारी दबाव रहता है। आम लोगो के अलावा छात्र भी भारी संख्या में इस सड़क से होकर गुजरते है। ऐसे में हमेशा इस जर्जर सड़क पर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।


यह सब जानते हुए भी संबंधित विभाग के अधिकारी कभी सड़क मरम्मत को लेकर गंभीर नजर नही आये। एकाध बार इसकी मरम्मत करने की नौबत भी आई तो अधिकारियों ने थूक पॉलिश कर अपना पल्ला झाड़ लिया। जिसकी वजह से नगर के बीच से होकर गुजरने वाली कटनी-गुमला नेशनल हाईवे लोगो के लिए अभिशाप बन गई है। इस अभिशाप की वजह से नगरवासियों की मुसीबत कम होने का नाम नही ले रही है। अब सड़क से उड़ने वाली धूल ने इस मुसीबत को और बढ़ा दिया है।


बारिश में गड्ढों के बाद अब सूखे में धूल ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। भारी वाहनों के साथ उड़ने वाले धूल के गुब्बारे से पूरा शहर बदरंग होने लगा है। धूल की वजह से सबसे बुरा हाल व्यवसायियों का हो रखा है। भारी वाहनों के गुजरते ही धूल का गुब्बारा दुकानों को अपनी चपेट में ले लेता है। जिससे दुकान और दुकान में मौजूद लोग धूल से सराबोर हो उठते है। पूरे दिन उड़ने वाली धूल से व्यापारियों के अलावा नगरवासी एवं स्कूली छात्रों का सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। खासकर छात्रों के स्कूल आने जाने के दौरान धूल की वजह से हमेशा दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।


इसके साथ ही धुलजनित बीमारियों से भी लोग ग्रसित होने लगे है। धूल की वजह से आँखों मे जलन संक्रमण सर्दी खाँसी के अलावा लोगो मे सांस लेने की समस्या पैदा होने लगी है। लोग इससे बचने के लिए तरह तरह के विकल्प अपनाते है।उसके बाद भी लोग धूल की चपेट में आने से खुद को नही बचा पाते है। शहर में धूल का इस कदर आतंक है कि लोग इससे बचने अपनी जान की बाजी तक लगा रहे है। बाइक सवार लोग ज्यादातर ऐसा कर रहे है। वो अपने को धूल से बचाने सड़क पर विपरीत दिशा का सहारा लेते है। जिसकी वजह से कई बार विपरीत दिशा से आ रही वाहनों के साथ आमने सामने भिड़ंत की नौबत आ चुकी है।

गौरतलब है कि नगर के बीच से होकर गुजरने वाली कटनी गुमला नेशनल हाईवे क्र-43 की हालत काफी जर्जर हो गई है। सोनतराई चौक से कसईढोढ़ी तक 4 किमी लंबी सड़क पूरी तरह गड्ढों से पट गया है। गड्ढे भी ऐसे वैसे नही पूरे दैत्यनुमा आकार के है। जिसकी चपेट में आकर लोगो की जान तक जा सकती है। ऊपर से विभाग ने गड्ढों को बोल्डर से भरकर सड़क की और दुर्दशा कर दी है। जिसकी वजह से अब सड़क पर चलना राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। बारिश के दिनों में बोल्डर की वजह से लोगो का सड़क पर चलना दूभर हो गया है।

दरअसल बारिश में पानी से लबालब गड्ढों की वजह से लोगो को बोल्डर नजर आता नही है। जिसकी वजह से लोग बारिश के दिनों में बोल्डर की चपेट में आकर दुर्घटना के शिकार हो चुके है। इसके अलावा भारी वाहनों के दबाव से बोल्डर सड़को पर बिखर गए है। जो कभी भी जानलेवा हादसे का कारण बन सकते हैं। चूंकि शहर में आवागमन के लिहाज से कटनी गुमला नेशनल हाईवे लोगो का एकमात्र साधन है। इसलिए इस पर यातायात का भारी दबाव रहता है। आम लोगो के अलावा छात्र भी भारी संख्या में इस सड़क से होकर गुजरते है। ऐसे में हमेशा इस जर्जर सड़क पर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।


यह सब जानते हुए भी संबंधित विभाग के अधिकारी कभी सड़क मरम्मत को लेकर गंभीर नजर नही आये। एकाध बार इसकी मरम्मत करने की नौबत भी आई तो अधिकारियों ने थूक पॉलिश कर अपना पल्ला झाड़ लिया। जिसकी वजह से नगर के बीच से होकर गुजरने वाली कटनी-गुमला नेशनल हाईवे लोगो के लिए अभिशाप बन गई है। इस अभिशाप की वजह से नगरवासियों की मुसीबत कम होने का नाम नही ले रही है। अब सड़क से उड़ने वाली धूल ने इस मुसीबत को और बढ़ा दिया है।

बारिश में गड्ढों के बाद अब सूखे में धूल ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। भारी वाहनों के साथ उड़ने वाले धूल के गुब्बारे से पूरा शहर बदरंग होने लगा है। धूल की वजह से सबसे बुरा हाल व्यवसायियों का हो रखा है। भारी वाहनों के गुजरते ही धूल का गुब्बारा दुकानों को अपनी चपेट में ले लेता है। जिससे दुकान और दुकान में मौजूद लोग धूल से सराबोर हो उठते है। पूरे दिन उड़ने वाली धूल से व्यापारियों के अलावा नगरवासी एवं स्कूली छात्रों का सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। खासकर छात्रों के स्कूल आने जाने के दौरान धूल की वजह से हमेशा दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।

इसके साथ ही धुलजनित बीमारियों से भी लोग ग्रसित होने लगे है। धूल की वजह से आँखों मे जलन संक्रमण सर्दी खाँसी के अलावा लोगो मे सांस लेने की समस्या पैदा होने लगी है। लोग इससे बचने के लिए तरह तरह के विकल्प अपनाते है।उसके बाद भी लोग धूल की चपेट में आने से खुद को नही बचा पाते है। शहर में धूल का इस कदर आतंक है कि लोग इससे बचने अपनी जान की बाजी तक लगा रहे है। बाइक सवार लोग ज्यादातर ऐसा कर रहे है। वो अपने को धूल से बचाने सड़क पर विपरीत दिशा का सहारा लेते है। जिसकी वजह से कई बार विपरीत दिशा से आ रही वाहनों के साथ आमने सामने भिड़ंत की नौबत आ चुकी है।