अंबिकापुर – भाजपा जिलाध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया ने छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद कांग्रेस नेताओं द्वारा लगाए गए आरोप पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे बिल्कुल निराधार और भ्रामक बताया है। प्रेस को जारी अपने बयान में उन्होंने कहा है कि पूर्व मंत्री अमरजीत भगत और पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया है, लेकिन सच्चाई ये है कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया गया एक आवश्यक कदम है। भाजपा सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के लिए प्रतिबद्ध है, और जो लोग कानून तोड़ेंगे, वे चाहे किसी भी पद पर हों या किसी भी दल के हों, उन पर कार्रवाई अवश्य होगी।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को राजनीतिक रंग क्यों?
उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में रेत खनन घोटाला, कोयला घोटाला, शराब घोटाला, पी एस सी घोटाला और कई अन्य वित्तीय अनियमितताओं की खबरें सामने आईं। अब जब इन मामलों की निष्पक्ष जांच हो रही है, तो कांग्रेस इसे लोकतंत्र पर हमला बताने की कोशिश कर रही है, जबकि छत्तीसगढ़ की जनता द्वारा भाजपा को सत्ता की चाभी इन्ही घोटालो की जाँच कराने एवं दोषियों पर कार्यवाही के लिए दिया है। आगामी दिनों मे कोई भी भ्रष्टाचारी कानून से बच नहीं पायेगा l
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। यदि कोई दोषी नहीं है, तो उसे जांच से डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन जब कांग्रेस नेताओं को जांच एजेंसियों के नोटिस मिलते हैं, तो वे इसे विपक्ष की आवाज दबाने का बहाना बना लेते हैं। सवाल यह है कि अगर पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल में सब कुछ पारदर्शी था, तो फिर उन्हें जांच से डर क्यों लग रहा है?
भूपेश बघेल के खिलाफ जांच: क्या यह लोकतंत्र की हत्या है?
आगे उन्होंने कहा कि टी.एस. सिंहदेव और अमरजीत भगत का यह कहना कि ईडी की कार्रवाई लोकतंत्र की हत्या है, हास्यास्पद है। लोकतंत्र का आधार ही पारदर्शिता और जवाबदेही है। यदि कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री रह चुका है और उसके कार्यकाल में भ्रष्टाचार हुआ है, तो उसकी जांच करना किसी भी लोकतंत्र में सामान्य प्रक्रिया है। लोकतंत्र का मतलब यह नहीं है कि किसी को भी भ्रष्टाचार करने की खुली छूट मिल जाए। अगर भाजपा सरकार वाकई में विपक्ष की आवाज दबाना चाहती, तो कांग्रेस नेता आज सड़कों पर खुलकर बयानबाजी नहीं कर रहे होते। सच्चाई यह है कि भाजपा सरकार कानून के दायरे में रहकर काम कर रही है और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच को आगे बढ़ा रही है।
क्या केवल कांग्रेस नेताओं पर ही कार्रवाई हो रही है?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस बार-बार यह आरोप लगाती है कि केवल विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई हो रही है। लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। भाजपा ने भी अपने उन नेताओं पर सख्त कदम उठाए हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि भाजपा दोषियों को बचाने की कोशिश नहीं करती, जबकि कांग्रेस अपने भ्रष्ट नेताओं के बचाव में आ जाती है। भूपेश बघेल का मामला सिर्फ एक राजनीतिक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की जनता के पैसों की लूट का मामला है। अगर वे निर्दोष हैं, तो उन्हें जांच का सामना करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस नेतृत्व बार-बार इस जांच को लोकतंत्र पर हमला बताकर असली मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है।
छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार का स्पष्ट संदेश है-
आगे उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री और पूरी सरकार इस दिशा में पूरी तरह प्रतिबद्ध है। भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही पारदर्शिता और ईमानदारी को प्राथमिकता दी है। कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं, जो प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने की दिशा में बड़े कदम हैं। अमरजीत भगत और टी.एस. सिंहदेव के बयान केवल कांग्रेस की बौखलाहट को दिखाते हैं। अगर भूपेश बघेल निर्दोष हैं, तो उन्हें जांच प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए, न कि इसे लोकतंत्र पर हमला बताकर जनता को गुमराह करना चाहिए। भाजपा सरकार का स्पष्ट संदेश है—कानून का राज कायम रहेगा, और कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना ही बड़ा नेता क्यों न हो, भ्रष्टाचार के मामलों में बच नहीं पाएगा। छत्तीसगढ़ की जनता अब जागरूक हो चुकी है। वो समझती है कि भाजपा सरकार उनके हितों के लिए काम कर रही है और कांग्रेस सिर्फ भ्रष्टाचारियों को बचाने की राजनीति कर रही है।